जम्मू और कश्मीर में हाल ही में हुए जिला विकास परिषद (डीडीसी) के चुनावों में, भाजपा के खिलाफ लड़ने वाले विपक्षी दलों का एक संयुक्त मोर्चा गठबंधन टूटने लगा है। कुछ नेताओं ने मोर्चे की उपयुक्तता पर सवाल उठाए हैं। नेशनल नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता और पूर्व मंत्री बशारत बुखारी ने गठबंधन के एजेंडे पर सवाल उठाते हुए कहा है कि अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए चुनाव के बाद गठबंधन को अपना रोड मैप साफ़ करना चाहिए। उसके बिना, गुप्त गठबंधन एक और हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के रूप में रहेगा। इसके अलावा, गुप्ता समूह के एक वरिष्ठ नेता ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। कश्मीरी नेता ने अपनी पार्टी के अध्यक्ष अल्ताफ बुखारी द्वारा आयोजित रात्रिभोज में भी भाग लिया। हालांकि, अल्ताफ ने इस तरह के किसी भी रात्रिभोज से इनकार किया है। डीडीसी चुनाव फारूक अब्दुल्ला के राष्ट्रीय सम्मेलन, महबूबा मुफ्ती की पीडीपी, सज्जाद लोन की पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और सीपीएम के पीपुल्स एलायंस फॉर ग्रुप घोषणा (PAGD) द्वारा लड़ा गया था। लेकिन राज्य में 280 डीडीसी में से उसे केवल 110 सीटें ही मिल सकीं। इसके बाद इस मोर्चे पर मतभेद उभरने लगे हैं। नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेताओं ने आरोप लगाया कि पीडीपी के वरिष्ठ नेताओं ने जानबूझकर अनधिकृत उम्मीदवारों को उनके उम्मीदवारों के खिलाफ मैदान में उतारा। इनमें पीडीपी महिला मोर्चा की अध्यक्ष सफीना बेग और पार्टी महासचिव नासिर अहमद खान शामिल हैं।