
चंदननगर पुलिस ने शनिवार को 60 वर्षीय पाकिस्तानी नागरिक फातिमा बीबी को गिरफ्तार किया, जिन्होंने पिछले चार दशकों से बंगाल में रहकर स्थानीय समुदाय के साथ गहरे संबंध बना लिए थे। बंगाल में जन्मी फातिमा के माता-पिता बाद में पाकिस्तान के रावलपिंडी में बस गए थे। सरकार के हालिया निर्देश के तहत, जिसमें पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया गया था, उनकी गिरफ्तारी हुई। यह आदेश कश्मीर के पहलगाम में हुए एक आतंकी हमले के बाद दिया गया था।
कोलकाता के एक एडीजी स्तर के अधिकारी ने इस मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि फातिमा 1980 में अपने पिता के साथ भारत लौटी थीं। वे टूरिस्ट वीजा पर आई थीं और 1982 में स्थानीय बेकरी मालिक मुजफ्फर मलिक से शादी कर ली। इसके बाद उन्होंने यहीं अपनी जिंदगी बसा ली और उनके दो बेटियां भी हैं, जो अब शादीशुदा हैं। लेकिन पुलिस रिकॉर्ड में वे 1981 के बाद से गायब थीं।
मुजफ्फर मलिक का कहना है कि उनकी पत्नी के पास सभी जरूरी भारतीय दस्तावेज हैं, जिसमें आधार और पैन कार्ड भी शामिल हैं। वे चंदननगर नगर निगम के वार्ड 12 की मतदाता भी हैं। मलिक ने यह भी बताया कि उनकी पत्नी को गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं हैं, जिनके लिए उन्हें नियमित दवाएं लेनी पड़ती हैं, साथ ही उनकी जल्द ही घुटने की सर्जरी भी होनी है।
उनकी गिरफ्तारी से उनके पड़ोसी भी हैरान हैं। स्थानीय निवासी शेख शाह आलम ने बताया कि फातिमा बीबी पिछले 45 वर्षों से इस समुदाय का अहम हिस्सा रही हैं, और इस तरह अचानक की गई कार्रवाई अन्यायपूर्ण लगती है। उनके परिवार का कहना है कि वे अब पाकिस्तान से किसी भी तरह का संबंध नहीं रखते हैं और उनके सारे रिश्तेदार भारत में ही हैं। हालांकि, भारतीय नागरिकता के लिए किए गए आवेदन की प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है। पुलिस का कहना है कि आवश्यक दस्तावेज अभी तक पेश नहीं किए गए हैं।
इस गिरफ्तारी को सरकार की व्यापक पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें हालिया सुरक्षा चिंताओं के मद्देनजर पाकिस्तानी नागरिकों की पहचान कर उन्हें वापस भेजने की कोशिश की जा रही है। हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि सरकार ऐसे मामलों में कोई रियायत देगी या नहीं, जहां नागरिकों के स्थानीय समुदाय से गहरे संबंध बन चुके हैं। स्थानीय प्रशासन से अभी इस मुद्दे पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है।