
बैंकों पर RBI की सख्ती: 5 बैंकों पर ₹2.5 करोड़ का जुर्माना, जानिए क्या हैं नियम उल्लंघन के कारण
भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने हाल ही में ICICI बैंक, एक्सिस बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, IDBI बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर कुल ₹2.5 करोड़ का जुर्माना लगाया है। यह कार्रवाई इन बैंकों द्वारा विभिन्न नियमों के उल्लंघन के कारण की गई है। केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया कि यह जुर्माना ग्राहकों के खातों या उनके लेन-देन को प्रभावित नहीं करेगा, बल्कि बैंकों को अपनी प्रक्रियाओं को सुधारने के लिए प्रेरित करेगा।
ICICI बैंक पर सबसे अधिक जुर्माना
ICICI बैंक को ₹97.8 लाख का जुर्माना भरना होगा। RBI ने पाया कि बैंक ने एक साइबर सुरक्षा घटना की रिपोर्टिंग में देरी की और कुछ खातों के लिए उचित अलर्ट सिस्टम नहीं लगाया। इसके अलावा, बैंक ने ग्राहकों को क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट भेजे बिना उन पर लेट फीस लगा दी, जो नियमों का उल्लंघन है।
एक्सिस बैंक और बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर भी कार्रवाई
एक्सिस बैंक को ₹29.6 लाख का जुर्माना देना होगा। बैंक ने आंतरिक कार्यालय खातों का उपयोग करके कुछ अनधिकृत लेन-देन किए, जो RBI के नियमों के खिलाफ है।
बैंक ऑफ महाराष्ट्र को ₹31.8 लाख का जुर्माना लगाया गया है। बैंक ने आधार-आधारित ई-केवाईसी का उपयोग करके कई बचत खाते खोले, लेकिन नियमानुसार प्रक्रिया का पालन नहीं किया। इसके अलावा, बैंक ने कुछ किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) ऋणों पर अधिक ब्याज वसूला, जो सरकार की इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम के खिलाफ था।
बैंक ऑफ बड़ौदा और IDBI बैंक भी चपेट में
बैंक ऑफ बड़ौदा को ₹61.4 लाख का जुर्माना देना होगा। RBI ने पाया कि बैंक ने निष्क्रिय बचत खातों पर नियमित रूप से ब्याज नहीं दिया। इसके अलावा, बैंक ने बीमा कंपनियों को अपने कर्मचारियों को गैर-नकद प्रोत्साहन देने की अनुमति दी, जो नियमों के खिलाफ है।
IDBI बैंक को भी जुर्माना भरना होगा, हालांकि यह राशि अपेक्षाकृत कम है। बैंक ने पहले केवाईसी नियमों का पालन नहीं किया था, जिसके कारण यह कार्रवाई हुई।
RBI ने कैसे की कार्रवाई?
RBI ने इन बैंकों की वित्तीय स्थिति की गहन जांच की और स्टैटूटरी इंस्पेक्शन फॉर सुपरवाइजरी इवैल्यूएशन (ISE) के तहत इनकी गतिविधियों का मूल्यांकन किया। जुर्माना लगाने से पहले, RBI ने बैंकों को शो-कॉज़ नोटिस भेजे और उनके लिखित व मौखिक जवाबों की समीक्षा की।
निष्कर्ष
RBI की यह कार्रवाई बैंकों को नियमों का सख्ती से पालन करने के लिए प्रेरित करेगी। हालांकि, केंद्रीय बैंक ने स्पष्ट किया है कि इन जुर्मानों का ग्राहकों के खातों या लेन-देन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह कदम भारतीय बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और जवाबदेही को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।