पौष पुत्रदा एकादशी भगवान विष्णु के भक्तों द्वारा पारंपरिक हिंदू कैलेंडर में ‘पौष’ महीने के शुक्ल पक्ष के दौरान ‘एकादशी’ पर मनाई जाती है।
‘पुत्रदा’ शब्द का अर्थ है ‘पुत्रों का दाता’ और चूंकि यह एकादशी हिंदू महीने ‘पौष’ के दौरान आती है इसलिए इसे ‘पौष पुत्रदा एकादशी’ के नाम से जाना जाता है।
यह एकादशी मुख्य रूप से उन जोड़ों द्वारा मनाई जाती है जो पुत्र की प्राप्ति की इच्छा रखते हैं।
पौष पुत्रदा एकादशी 2022 तिथि: 13 जनवरी, गुरुवार।
एकादशी तिथि शुरू: 12 जनवरी 2022 शाम 4:49 बजे।
एकादशी तिथि समाप्त: 13 जनवरी 2022 शाम 7:33 बजे।
पारण समय (फास्ट ब्रेकिंग टाइम): 14 जनवरी, 7:14 पूर्वाह्न – 14 जनवरी, 9:23 पूर्वाह्न।
अनुष्ठान: इस दिन दंपत्तियों द्वारा संतान प्राप्ति के लिए भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। जोड़े भी अपने बच्चों की भलाई के लिए देवता की पूजा करते हैं।
इस दिन भक्तों द्वारा व्रत भी रखा जाता है। पौष पुत्रदा एकादशी व्रत पत्नी और पति दोनों को करना चाहिए। यदि कोई पूर्ण उपवास नहीं रख सकता है, तो आंशिक उपवास की अनुमति है।
जोड़ों को सोने से बचना चाहिए और भगवान विष्णु के भजन गाकर ‘जागरण’ करना चाहिए।
इस दिन ‘विष्णु सहस्रनाम’ और अन्य वैदिक मंत्रों का पाठ करना भी शुभ माना जाता है।
इस दिन भक्त भगवान विष्णु के मंदिरों में भी जाते हैं।